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Dussehra

Dusshera

राम चिंरतन चेतना, राम सनातन सत्य,
रावण वैर -ंउचय विकार है, रावण है दुश्कूत्य!

विजय सत्य की हुई हमेषा, हारी सदा बुराई है
आया पर्व दषहरा कहता, करना सदा भलाई है,

आष्विन मास के षुक्ल पक्ष में षरद ऋतु के स्वच्छ और मोहक वातावरण में षक्ति
और सत्य की जीत का प्रतीक दषहरा पर्व अत्यन्त उल्लास व उमंग से मनाया जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध करके
पाप पर पुण्य की अधर्म पर धर्म की विजय का उद्घोश किया था।
दषहरा से नौ दिन पूर्व ही देष भर में स्थान -ंउचय स्थान पर रामलीला का मंचन
किया जाता हैं। दषहरे के दिन रावण का पुतला जलाकर बुराई के अंत व अच्छाई की
षाष्वत विजय को दर्षाया जाता हैं। दषहरा हमारे भारतदेष का सांरकृतिक , धार्मिक
, ऐतिहासिक पर्व है जिसे विजयदषमी भी कहते हैं।

दषहरा का मतलब है, सदा सत्य की जीत
ग-सजय़ टूटेगा -हजयूठ का, करे सत्य से प्रीत
सच्चाई की राह पर, लाख बिछे हो षूल
बिना रूके चलते रहें, षूल बनेंगे फूल।

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